The role of corporates in unifying India through trade is under-rated.
One India, One Market, One Promise.
India is a vast country with huge diversity of religions, languages, cultures, political thought and even geography. However, India has wonderfully succeeded in maintaining its unity amidst all its diversities. The political leadership, both pre-independence and post-independence, has played a key role in maintaining this unity. Read our constantly updated page of Bharat | India for facts To add to that, even films have been a great unifying factor in the Indian society. However, over the years, the discussions and debates on unity have excluded trade and transport. Trade, both internal and international, has seen a steady rise in India, and is likely to rise further in the future as well. With the implementation of the GST regime is likely to provide a further boost to trade in India. Read our comprehensive Bodhi on GST here.
India’s market has been largely fragmented and has been coupled with huge inter-state and inter-city barriers. It is expected that GST would finally make India one country, one market and one tax entity. But this is partially true, as GST excludes key areas like real estate, alcohol, petroleum products etc. Still it can be a game changer. Download entire Economic Survey pdf from Bodhi Resources page. The Economic Survey 2016-17 shows that India’s interstate trade has been steadily growing even without GST. Work related migration has almost doubled to 9 million compared to earlier estimates. You can enroll in an online course to learn Eco.Survey and Budget technicalities, here.
The GSTN data reveals that inter-state exchange of manufactured goods constitutes 54% of GDP. This shows corporates’ contribution to unification. Our internal trade is 1.7 time our international trade. Internal trade to GDP ratio is 54%, which excludes agriculture. This is quite comparable with other countries at the same economic level. However, it is less than countries like US (78%) and China (74%), but higher than EU (20%). Improved connectivity is an important reason for faster growth since 2000. Roads, telecom and electricity form the key area of connectivity. The Essential Commodities Act is huge hurdle to internal trade, especially that of agricultural commodities. Laws such as these need to be amended soon to reap full benefits of a single market. Watch multiple video analyses of issues related to Indian Economy here.
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एक भारत, एक बाज़ार, एक वादा
भारत एक विशाल देश है जिसमें धर्म, भाषा, संस्कृति, राजनीतिक विचारधारा और भौगोलिक क्षेत्र में भी भारी विविधता है।
परंतु इन सभी विविद्ताओं के बीच भी भारत अपनी एकता बनाए रखने में सफल रहा है। भारत पर लगातार अद्यतन होता पृष्ठ अवश्य देखें
स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात के राजनीतिक नेतृत्व ने इस एकता को संधारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसी के साथ यहाँ तक कि फिल्में भी एकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माध्यम बनी हैं।
हालांकि इतने वर्षों के बाद भी एकता पर होने वाली सभी चर्चाओं और बहसों ने व्यापार और परिवहन को एकता की परिधि से बाहर रखा है।
भारत के आतंरिक और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार के व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है, और भविष्य में भी इसमें और अधिक वृद्धि होने का अनुमान है। जीएसटी शासन के क्रियान्वित होने के बाद भारतीय व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी पर हमारी विस्तृत बोधि पढ़ें यहाँ
भारत का बाजार व्यापक रूप से खंडित रहा है, और इसीके साथ इसमें अनेक अंतर-राज्य और अंतर-शहर व्यापार बाधाएं भी हैं। ऐसा अनुमान है कि जीएसटी अंततः भारत को एक देश, एक बाजार और एक कर निकाय बना देगा। परंतु यह आंशिक रूप से सही है, क्योंकि जीएसटी में रियल एस्टेट, मदिरा, पेट्रोलियम उत्पाद, इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है। फिर भी यह काफी हद तक परिवर्तनकारी साबित होगा। आर्थिक समीक्षा दर्शाती है कि जीएसटी के बिना भी भारत का अंतर-राज्य व्यापार लगातार बढ़ता रहा है। काम से संबंधी आप्रवासन पूर्व के अनुमानों की तुलना में लगभग दुगना होकर 90 लाख तक पहुँच गया है। आर्थिक समीक्षा और बजट के हमारे ऑनलाइन कोर्स से आप सभी तकनीकी जानकारियां सीख सकते हैं, यहाँ
जीएसटीएन के आंकडे दर्शाते हैं कि विनिर्मित वस्तुओं का अंतर-राज्य विनिमय जीडीपी का लगभग 54 प्रतिशत है, जो निगमों द्वारा राष्ट्रीय एकता की दिशा में किये गए योगदान को दर्शाता है। हमारा आतंरिक व्यापार हमारे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 1.7 गुना है। अतरिक व्यापार से जीडीपी अनुपात 54 प्रतिशत है जिसमें कृषि को शामिल नहीं किया गया है। यह इसी स्तर की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलनीय है। हालांकि यह अमेरिका (78 प्रतिशत), और चीन (74 प्रतिशत) जैसे देशों की तुलना में कम है, परंतु फिर भी यह यूरोपीय संघ (20 प्रतिशत) की तुलना में काफी अधिक है। आर्थिक समीक्षा के सभी पीडीएफ डाउनलोड करें बोधि समीक्षा पृष्ठ से सुधारित संयोजकता वर्ष 2000 के बाद तेजी से हुई वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है। सड़कें, दूर संचार और बिजली संयोजकता के महत्वपूर्ण घटक हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम आतंरिक व्यापार मार्ग में एक बड़ी बाधा है, विशेष रूप से कृषि उत्पादों की दृष्टि से। इस प्रकार के कानूनों को शीघ्र ही संशोधित किया जाना चाहिए ताकि एकीकृत बाजार के संपूर्ण लाभ का दोहन किया जा सके। भारतीय अर्थतंत्र पर अनेक विडियो विश्लेषण देखें यहाँ
भारत का बाजार व्यापक रूप से खंडित रहा है, और इसीके साथ इसमें अनेक अंतर-राज्य और अंतर-शहर व्यापार बाधाएं भी हैं। ऐसा अनुमान है कि जीएसटी अंततः भारत को एक देश, एक बाजार और एक कर निकाय बना देगा। परंतु यह आंशिक रूप से सही है, क्योंकि जीएसटी में रियल एस्टेट, मदिरा, पेट्रोलियम उत्पाद, इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है। फिर भी यह काफी हद तक परिवर्तनकारी साबित होगा। आर्थिक समीक्षा दर्शाती है कि जीएसटी के बिना भी भारत का अंतर-राज्य व्यापार लगातार बढ़ता रहा है। काम से संबंधी आप्रवासन पूर्व के अनुमानों की तुलना में लगभग दुगना होकर 90 लाख तक पहुँच गया है। आर्थिक समीक्षा और बजट के हमारे ऑनलाइन कोर्स से आप सभी तकनीकी जानकारियां सीख सकते हैं, यहाँ
जीएसटीएन के आंकडे दर्शाते हैं कि विनिर्मित वस्तुओं का अंतर-राज्य विनिमय जीडीपी का लगभग 54 प्रतिशत है, जो निगमों द्वारा राष्ट्रीय एकता की दिशा में किये गए योगदान को दर्शाता है। हमारा आतंरिक व्यापार हमारे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 1.7 गुना है। अतरिक व्यापार से जीडीपी अनुपात 54 प्रतिशत है जिसमें कृषि को शामिल नहीं किया गया है। यह इसी स्तर की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलनीय है। हालांकि यह अमेरिका (78 प्रतिशत), और चीन (74 प्रतिशत) जैसे देशों की तुलना में कम है, परंतु फिर भी यह यूरोपीय संघ (20 प्रतिशत) की तुलना में काफी अधिक है। आर्थिक समीक्षा के सभी पीडीएफ डाउनलोड करें बोधि समीक्षा पृष्ठ से सुधारित संयोजकता वर्ष 2000 के बाद तेजी से हुई वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है। सड़कें, दूर संचार और बिजली संयोजकता के महत्वपूर्ण घटक हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम आतंरिक व्यापार मार्ग में एक बड़ी बाधा है, विशेष रूप से कृषि उत्पादों की दृष्टि से। इस प्रकार के कानूनों को शीघ्र ही संशोधित किया जाना चाहिए ताकि एकीकृत बाजार के संपूर्ण लाभ का दोहन किया जा सके। भारतीय अर्थतंत्र पर अनेक विडियो विश्लेषण देखें यहाँ
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