The apparent complexities of a Trump approach may actually not be that complex. At least for India.
Long live Trump’s Ram Rajya!
Supporters of President Trump’s executive order regarding travel ban on citizens of seven Muslim countries find nothing wrong in the move because the US President gets intelligence briefings in this regard on a daily basis. Further, they also argue that the President had declared his intentions of stringent US vetting during his election campaigning. Why should the world be worried and surprised now when he is taking steps which he had already declared! There also seems to be a misconception on the issue of immigrants. President Trump has no intention to let go highly skilled immigrant talent. Read a Bodhi on "Tectonic shifts in world politics".
The H-1B visa regulations are being made stringent to reduce any abuse or fraud, and not with any other intention. The US faces a huge deficit of IT personnel so it would continue to have people from this industry. However, US citizens would get the first preference in jobs. For Pakistan to escape travel ban similar to the 7 other Muslim countries, it should stop all its terrorist breeding, sponsoring activities and wage a credible offensive against radical Islamic terrorists. It has vitiated entire South Asia already, and shows no intent of stopping. Being a hardcore businessman, Trump is an ultimate negotiator and would negotiate all deals that the US deserves. He would try and ensure that no international treaties and agreements adversely affect US interests. His policies would be favourable for Indian-Americans, and the Indo-US ties are likely to be even stronger during the Trump regime. He would bring better times for America. You can read a comprehensive Bodhi on "Arrival of Donald Trump" here.
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ट्रम्प का राम-राज्य दीर्घायु हो!
राष्ट्रपति ट्रम्प के सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध आदेश के समर्थकों को इस आदेश में कुछ भी गलत नहीं लगता क्योंकि वे मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति को इसी संबंध में दैनिक आधार पर खुफिया सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं।
साथ ही वे यह भी तर्क देते हैं कि राष्ट्रपति द्वारा लिया गया यह निर्णय अचानक नहीं है बल्कि इसकी घोषणा वे अपने चुनाव अभियान के दौरान लगातार करते रहे हैं, तो दुनिया अब इससे चिंतित और आश्चर्यचकित क्यों है।
प्रवासियों के मुद्दे पर भी गलतफहमी है। राष्ट्रपति ट्रम्प कभी भी उच्च-कौशल वाली प्रवासी प्रतिभा को अपने देश से जाने नहीं देना चाहेंगे। आप विश्व राजनीति के विवर्तनिक परिवर्तनों पर विस्तृत बोधि यहाँ पढ़ सकते हैं।
एच-1 बी वीजा के नियमों को अधिक कठोर केवल इसलिए बनाया जा रहा है ताकि इसका दुरूपयोग और धोखाधड़ी को रोका जा सके न कि किसी अन्य कारण से। चूंकि अमेरिका सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कर्मियों की भारी कमी से जूझ रहा है अतः इस उद्योग से संबंधित व्यक्तियों का अमेरिका आना जारी रहेगा। यदि पाकिस्तान को अन्य सात देशों पर लगे प्रतिबंध जैसे प्रतिबंध से बचना है तो उसे आतंकवाद को पोषित करना, उसका प्रयोजन करना पूरी तरह से बंद करना होगा और साथ ही इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकवादियों के विरुद्ध विश्वसनीय कार्यवाही करनी होगी। इसने संपूर्ण दक्षिण एशिया को जहरीला कर दिया है, और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक व्यापारी होने के कारण ट्रम्प एक अच्छे और अंतिम तरह के मध्यस्थ हैं और वे ऐसे सभी सौदे, समझौते करेंगे जो अमेरिका के योग्य हैं। उनका प्रयास यह सुनिश्चित करने का होगा की कोई भी अंतर्राष्ट्रीय समझौता या संधि अमेरिकी हितो को प्रतिकूल प्रभावित न करे। उनकी नीतियां भारतीय-अमेरिकियों के अनुकूल होंगी और भारत अमेरिका संबंध ट्रम्प के शासनकाल के दौरान अधिक घनिष्ठ होंगे। वे अमेरिका के लिए अच्छे दिन लाएंगे। आप डॉनल्ड ट्रम्प के आगमन पर विस्तृत बोधि यहाँ पढ़ें
एच-1 बी वीजा के नियमों को अधिक कठोर केवल इसलिए बनाया जा रहा है ताकि इसका दुरूपयोग और धोखाधड़ी को रोका जा सके न कि किसी अन्य कारण से। चूंकि अमेरिका सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कर्मियों की भारी कमी से जूझ रहा है अतः इस उद्योग से संबंधित व्यक्तियों का अमेरिका आना जारी रहेगा। यदि पाकिस्तान को अन्य सात देशों पर लगे प्रतिबंध जैसे प्रतिबंध से बचना है तो उसे आतंकवाद को पोषित करना, उसका प्रयोजन करना पूरी तरह से बंद करना होगा और साथ ही इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकवादियों के विरुद्ध विश्वसनीय कार्यवाही करनी होगी। इसने संपूर्ण दक्षिण एशिया को जहरीला कर दिया है, और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक व्यापारी होने के कारण ट्रम्प एक अच्छे और अंतिम तरह के मध्यस्थ हैं और वे ऐसे सभी सौदे, समझौते करेंगे जो अमेरिका के योग्य हैं। उनका प्रयास यह सुनिश्चित करने का होगा की कोई भी अंतर्राष्ट्रीय समझौता या संधि अमेरिकी हितो को प्रतिकूल प्रभावित न करे। उनकी नीतियां भारतीय-अमेरिकियों के अनुकूल होंगी और भारत अमेरिका संबंध ट्रम्प के शासनकाल के दौरान अधिक घनिष्ठ होंगे। वे अमेरिका के लिए अच्छे दिन लाएंगे। आप डॉनल्ड ट्रम्प के आगमन पर विस्तृत बोधि यहाँ पढ़ें
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