The Real Estate (R and D) Act and RERA can write a new chapter in Indian real estate sector.
A home for all?
Affordable housing has been given infrastructure status as per the budget announcement. This will not only give a boost to the sector, but is also evidence of the government’s commitment to the welfare of the common man. The allocation for the Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY) has been enhanced to Rs. 23,000 crore. This will further give a boost to this sector. The timing of the move looks perfect at a time when banks are flush with adequate funds, which will enable them to provide loans to housing sector at cheaper rates. Real estate sector of our economy is the second largest employer after agriculture and makes a contribution of about 9% to the GDP. In India, construction is considered a part of manufacturing sector. The Real Estate (Regulation and Development) Acts makes it mandatory for projects of 500 sq mts above or eight apartments and above to be registered with the Real Estate Regulatory Authority (RERA) and deposit 70% of the realised amount from the project to be deposited in escrow account. [See the Act on Bodhi Resources downloads page]
The law ensures transparency and timely execution of projects, provides protection to consumers, encourages fair play and controls black money and speculative investment, which have been the main problems with this sector. The move to provide infrastructure status will not only open up new avenues for the developers but also enable lenders to look positively towards the sector, which has so far been considered risky. The measures like providing deductions of profit and gains on housing projects under the IT Act and further liberalising concessions provided in the last budget and removal of tax on unsold stock for one year will further help in giving a boost to the sector. National Housing Bank (NHB) has been mandated to refinance individual housing loans to the extent of Rs. 20,000 crore in 2017-18. External commercial borrowings have been made more attractive to ensure flow of investments to housing sector. All these measures would see a rebound of the housing sector, benefitting both the developers and consumers. Read a Bodhi on "Half Time for Modi government".
[ ##thumbs-o-up## Share Testimonial here - make our day!] [ ##certificate## Volunteer for Bodhi Booster portal]
Amazing Courses - Online and Classroom
सभी के लिये आवास?
वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा के अनुसार सस्ते आवास को अधोसंरचना का दर्जा प्रदान किया गया है। इस घोषणा से न केवल इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा वरन यह सरकार की आम जनता के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का भी परिचायक है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन में वृद्धि करके इसे 23,000 करोड़ रुपये किया गया है। इससे भी इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलने में सहायता मिलेगी।
ऐसे समय जब बैंकों के पास काफी मात्रा में धनराषि उपलब्ध है, इस कदम के लिए यह सही कदम प्रतीत होता है जिसके कारण आवास क्षेत्र को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध हो पाएगा।
हमारी अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट क्षेत्र कृषि क्षेत्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है, जो जीडीपी में लगभग 9 प्रतिशत का योगदान प्रदान करता हैं। भारत में, निर्माण क्षेत्र को विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है।
रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक की परियोजनाओं या 8 या उससे अधिक अपार्टमेंट को रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के पास पंजीकरण की और परियोजना की प्राप्त धनराशी में से 70 प्रतिशत राशि को निलंब (एस्क्रो) खाते में रखने की अनिवार्यता करता है।
(कानून पढ़ने हेतु बोधि संसाधन पृष्ठ पर जाएं)।
यह कानून पारदर्शिता और परियोजनाओं की समयबद्ध पूर्णता को सुनिश्चित करता है, उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करता है, साफ-सुथरे व्यवहार को प्रोत्साहित करता है और काले धन और कल्पित निवेश को नियंत्रित करता है, जो इस क्षेत्र की प्रमुख समस्याएँ रही हैं । क्षेत्र को अधोसंरचना का दर्जा प्रदान करने से न केवल विकासकर्ताओं और निर्माताओं के लिए नए अवसर खुलेंगे बल्कि इससे ऋणदाताओं को इस क्षेत्र की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता प्रदान करेगा जिसे अभी तक काफी जोखिम भरा माना जाता था । आवास परियोजनाओं को आयकर अधिनियम के तहत छूट प्रदान करने और पिछले बजट में दी गई रियायतों के और अधिक उदारीकरण और अनबिके मकानों पर एक वर्ष के लिए कर को समाप्त करने जैसे उपाय इस क्षेत्र को और अधिक उत्प्रेरित करने में सहायक होंगे । राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) को वर्ष 2017-18 के दौरान 20,000 करोड़ रुपये तक व्यक्तिगत गृह ऋणों को पुनर्वित्त प्रदान करने की अनिवार्यता की गई है। आवास क्षेत्र के लिए अधिक निवेश सुनिश्चित करने के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार को अधिक आकर्षक बनाया गया है। उपरोक्त सभी उपायों की आवास क्षेत्र पर काफी अधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया होगी जिससे विकासकर्ता और उपभोक्ता, दोनों लाभान्वित होंगे। मोदी सरकार के हाफ-टाइम पर एक बोधि आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
यह कानून पारदर्शिता और परियोजनाओं की समयबद्ध पूर्णता को सुनिश्चित करता है, उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करता है, साफ-सुथरे व्यवहार को प्रोत्साहित करता है और काले धन और कल्पित निवेश को नियंत्रित करता है, जो इस क्षेत्र की प्रमुख समस्याएँ रही हैं । क्षेत्र को अधोसंरचना का दर्जा प्रदान करने से न केवल विकासकर्ताओं और निर्माताओं के लिए नए अवसर खुलेंगे बल्कि इससे ऋणदाताओं को इस क्षेत्र की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता प्रदान करेगा जिसे अभी तक काफी जोखिम भरा माना जाता था । आवास परियोजनाओं को आयकर अधिनियम के तहत छूट प्रदान करने और पिछले बजट में दी गई रियायतों के और अधिक उदारीकरण और अनबिके मकानों पर एक वर्ष के लिए कर को समाप्त करने जैसे उपाय इस क्षेत्र को और अधिक उत्प्रेरित करने में सहायक होंगे । राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) को वर्ष 2017-18 के दौरान 20,000 करोड़ रुपये तक व्यक्तिगत गृह ऋणों को पुनर्वित्त प्रदान करने की अनिवार्यता की गई है। आवास क्षेत्र के लिए अधिक निवेश सुनिश्चित करने के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार को अधिक आकर्षक बनाया गया है। उपरोक्त सभी उपायों की आवास क्षेत्र पर काफी अधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया होगी जिससे विकासकर्ता और उपभोक्ता, दोनों लाभान्वित होंगे। मोदी सरकार के हाफ-टाइम पर एक बोधि आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
Useful resources for you
[Newsletter ##newspaper-o##] [Bodhi Shiksha channel ##play-circle-o##] [FB ##facebook##] [हिंदी बोधि ##leaf##] [Sameeksha live ##graduation-cap##] [Shrutis ##fa-headphones##] [Quizzes ##question-circle##] [Bodhi Revision ##book##]
COMMENTS