It may be the right time for a positive change in Indian citizenship laws. Talented immigrants should be welcomed.
India and immigrants
On one hand, the US presidential ban order is being protested within, and regretted and reproached outside, an on the other hand it is an opportunity for various countries, particularly India, to take a look at their own policies on citizenships, visas and migrants. The vast number of Indian migrants to various parts of the world, who migrated to these countries for various reasons, have acquired citizenships of those adopted countries. But the reverse of it has not been the case for persons who apply for Indian citizenship. The situation in India about migrants from across the border is that of suspicion and threat. And there are good reasons for that. It is very difficult for foreign nationals coming to India on various grounds to obtain Indian citizenship. And this creates a bad impression worldwide regarding us. Read a detailed Bodhi on "Arrival of Donald Trump" here.
If our own situation in this respect is so precarious, do we have the moral right to criticize what Trump is doing? We need to introspect. We need to improve our systems proactively. If what is true for foreign nationals applying for Indian visa or citizenships, why should the same be criticized if it is done by the US? Is it only because our own people working there, or wanting to go there, are in danger of losing the opportunity? It is time we take a relook at our own citizenship and visa policy and make suitable changes urgently and immediately.
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भारत और प्रवासी
एक ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रतिबंध आदेश का आतंरिक रूप से विरोध हो रहा है और बाह्य विश्व इसपर निराशा व्यक्त कर रहा है और निंदा कर रहा है, वहीँ दूसरी ओर, यह विभिन्न देशों के लिए, विशेष रूप से भारत के लिए एक अवसर है कि वे नागरिकता, वीजा और आप्रवासियों के संबंध में अपनी नीतियों का पुनर्विचार करें। विश्व के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न कारणों से गए भारतीय लोगों की संख्या काफी विशाल है, जिन्होंने अंततः इन देशों की नागरिकता प्राप्त कर ली है। परंतु विदेशों से भिन्न-भिन्न कारणों से भारत में आये और भारत में ही रहने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए स्थिति ठीक उलटी है। सीमा पार से भारत में आये लोगों के प्रति हमारा नजरिया संदेह और खतरे का है, हम हमेशा ऐसे लोगों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं और हमें उनसे खतरा प्रतीत होता है। और इसके अनेक कारण भी हैं। विभिन्न कारणों से विदेशों से भारत में आने वाले लोगों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। हमें अपनी प्रक्रियाएं सुधारनी ही होंगी। डॉनल्ड ट्रम्प के आगमन पर एक विस्तृत बोधि पढ़ें यहाँ
यदि इस संदर्भ में हमारी अपनी स्थिति इतनी दयनीय है, तो क्या हमें यह नैतिक अधिकार रह जाता है कि हम ट्रम्प की आलोचना करें? हमें आत्मपरीक्षण करने की आवश्यकता है। भारत के वीजा या भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए जो बात सही है उसकी तब आलोचना क्यों की जानी चाहिए जब वह अमेरिका द्वारा किया गया है? क्योंकि वहां काम करने वाले या वहां जाने की आशा करने वाले हमारे अपने लोगों का यह अवसर समाप्त होने का खतरा है इसलिए? समय आ गया है कि हम अपनी नागरिकता और वीजा नीति पर पुनर्विचार करें और उसमें तत्काल परिवर्तन करें।
यदि इस संदर्भ में हमारी अपनी स्थिति इतनी दयनीय है, तो क्या हमें यह नैतिक अधिकार रह जाता है कि हम ट्रम्प की आलोचना करें? हमें आत्मपरीक्षण करने की आवश्यकता है। भारत के वीजा या भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए जो बात सही है उसकी तब आलोचना क्यों की जानी चाहिए जब वह अमेरिका द्वारा किया गया है? क्योंकि वहां काम करने वाले या वहां जाने की आशा करने वाले हमारे अपने लोगों का यह अवसर समाप्त होने का खतरा है इसलिए? समय आ गया है कि हम अपनी नागरिकता और वीजा नीति पर पुनर्विचार करें और उसमें तत्काल परिवर्तन करें।
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