Sudden hardening of attitude towards immigration will create problems. We need to be prepared.
An advice for India
The article focuses on the harm that the President’s executive orders would do to the US itself. US industry, entertainment industry and academia have strongly condemned the banning of citizens of seven Muslim-majority countries from entering America and termed it as counterproductive. Their argument is that immigrants from the world over have contributed immensely to America’s growth and development. The author suggests President Trump to consider the advice of several important industry captains as his order would be detrimental to American enterprise, innovation and industry. According to the author, country-specific bans would not be helpful to combat terror. This, according to the author, also reflects on America’s failure to cultivate people who could persuade these countries towards moderation. It is also a reflection on the failure of American intelligence agencies in gathering intelligence on possible terror attacks. It may result in diminishing America’s soft power. The author also advices India to prepare against the clampdown on US visas for Indian businesses. This could be used to transform the entire IT environment and to bring it to India. Become more competitive. We should take it as an opportunity to radically transform the domestic business environment.
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भारत के लिये एक सलाह
प्रस्तुत लेख अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश से स्वयं अमेरिका को होने वाली हानि पर केंद्रित है। अमेरिकी उद्योग जगत, मनोरंजन उद्योग और शिक्षाविदों ने सात मुस्लिम देशों पर लगाए गए प्रतिबंध का पुरजोर विरोध किया है, और कहा है कि इसका उल्टा असर हो सकता है। उनका तर्क यह है कि विश्व भर से आये और अमेरिका में बसे लोगों ने अमेरिका की समृद्धि और विकास में भारी योगदान दिया है। लेखक राष्ट्रपति ट्रम्प को सलाह देते हैं कि वे विभिन्न उद्योग अग्रणियों की सलाह पर विचार करें क्योंकि उनका यह आदेश अमेरिकी उद्यमिता, नवप्रवर्तन और व्यापार के लिए घातक होगा। लेखक के अनुसार, देश-विशिष्ट प्रतिबंध आतंकवाद से मुकाबला करने की दृष्टि से सहायक नहीं होगा। लेखक के अनुसार यह अमेरिका की इस विफलता का भी संकेत है कि वह ऐसे लोग निर्मित नहीं कर पाया जो इन देशों को मध्य मार्ग पर ला पाते। साथ ही यह अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की संभावित आतंकवादी हमलों पर खुफिया जानकारी एकत्रित करने की विफलता को भी प्रतिबिंबित करता है। यह अमेरिका की नर्म शक्ति को भी कम कर सकता है। लेखक भारतीय व्यापारों पर अमेरिकी वीजा प्रतिबंधों की दृष्टि से भारत को तैयार रहने की भी सलाह देते हैं। उनके अनुसार संपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के परिदृश्य को इस प्रकार परिवर्तित किया जाए ताकि अमेरिका की सिलिकॉन वैली पूरी तरह से भारत में ही स्थित हो। हमें इस स्थिति को भारतीय उद्योग परिदृश्य में आमूल परिवर्तन के लिए एक अवसर की दृष्टि से देखना चाहिए और उस दृष्टि से कार्य करना चाहिए।
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