Eliminating ISIS in its den may not end terror globally, as lone-wolf attacks may anyway happen.
The scourge of Terrorism
Pakistan has been hit by several terrorist attacks in 2017, the latest being the murderous attack on the shrine of Lal Shahbaz Qalandar at Shewan in the Sindh province. Lal Shahbaz Qalandar was a Sufi saint whose followers and devotees include people from all religions. The Islamic State (IS) assumed responsibility of the attack. Targeting the shrine indicates that IS is intolerant towards all non-Sunnis, more particularly the Shias. It is also opposed to any inter-sect unity, propagating only a monochromatic version of its own Islam. Of late, the IS has lost a lot of its hold in Syria and Iraq against a two-way attack from the US and coalition forces on the one hand and the Russian and Bashar Assad regime alliance on the other. But is ISIS declining? No one can say. Read our full Bodhi on Terrorism, here
The IS, unlike the al-Qaeda (of Osama bin Laden) is not a personality-oriented outfit. Therefore, its influence may not decline like with al-Qaeda after the killing of Osama Bin Laden (at Abbotabad). The Islamic State built its strength on the basis of brutality and its ability to attract people, especially youth, from different parts of the world. Its financial strength was built initially by attacking govt. treasuries and later by seizing rich oil wells. This wealth thus acquired was utilised to pay volunteers handsomely and keep them with the organization. However, with the loss of major ground in Syria and Iraq, the outfit now faces financial crisis. Those attracted towards it, now feel disillusioned and are returning home. Fresh volunteers are not coming in large numbers but only trickling. See the various images explaining the birth and growth of IS, the location map in middle east, and the global terror ranks 2016, here. However, those breaking away form the outfit and returning, are still determined to continue to fight for the cause for which they had joined IS. They would now scatter in all parts of the world and would be difficult to locate, trace and eliminate because of the small number and largely unknown identity. Comprehensive pdf documents are linked on our Bodhi Resources page (Heading – World Politics, Current Affairs, Terrorism).
In early March 2017, news broke that an ISIS video depicting Uighur fighters in Iraq called for attacks on China by jihadist groups, right when Beijing was staging mass military manoeuvres to quell separatist sentiment in Xinjiang province. The video criticised “evil Chinese communist infidel lackeys” came from the Iraqi arm of ISIS. “In retaliation for the tears that flow from the eyes of the oppressed we will make your blood flow in rivers, by the will of God,” says one fighter featured in the video, speaking in Uighur.
[ ##thumbs-o-up## Share Testimonial here - make our day!] [ ##certificate## Volunteer for Bodhi Booster portal]
Amazing Courses - Online and Classroom
आतंकवाद का आतंक
पाकिस्तान 2017 में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है, जिनमें से नवीनतम हमला सिंध प्रान्त के शेवन में लाल शाहबाज़ कलंदर की दरगाह में हुआ। लाल शाहबाज़ कलंदर एक सूफी संत थे जिनके अनुयाइयों में सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। दरगाह को निशाना बनाना दर्शाता है कि आइएस सभी गैर-सुन्नियों के प्रति असहिष्णु है, विशेष रूप से शियाओं के प्रति। साथ ही वह किसी भी प्रकार की अंतर-संप्रदाय एकता के भी विरुद्ध है। पिछले कुछ समय से सीरिया और इराक में आइएस की पकड़ काफी कमजोर हुई है क्योंकि वहां उसे एक ओर अमेरिका और उसके गठबंधन का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर बशर असद के शासन और रूस के गठबंधन का। परंतु इसके बावजूद भी यह अनुमान लगाना कि आइएसआइएस का प्रभाव कम हो रहा है जल्दबाजी होगी। आतंकवाद पर हमारी बोधि पढ़ें यहाँ
आइएस अल-कायदा जैसा व्यक्तिवादी संगठन नहीं है अतः उसका वह हश्र नहीं होगा जैसा ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद अल-कायदा का हुआ। आइएस ने अपनी ताकत पाशविकता और विश्व के विभिन्न भागों से लोगों को, विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित करने की अपनी क्षमता के आधार पर बढाई। इसने अपनी वित्तीय ताकत प्रारंभ में सरकारी राजकोषों की लूट और बाद में समृद्ध तेल कुओं पर कब्ज़ा करके प्राप्त की। इस प्रकार से अर्जित की गई इस संपत्ति का उपयोग उसने अपने कार्यकर्ताओं को भारी वेतन और सुख-सुविधाएँ प्रदान करने के लिए किया ताकि वे संगठन में बने रहें। हालांकि सीरिया और इराक में भारी नुकसान के बाद संगठन अब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। जो लोग पूर्व में इसकी ओर आकर्षित हुए थे उनका अब संगठन से मोहभंग होता जा रहा है और वे वापस घर लौट रहे हैं। नए स्वयंसेवक भी अत्यंत कम संख्या में शामिल हो रहे हैं। आप अनेक चित्र व आंकड़े देख कर इस्लामिक राज्य का जन्म व वृद्धि, मध्य-पूर्व का नक्शा एवं विश्व आतंक सूचकांक २०१६ समझ सकते हैं हालांकि, संगठन को छोड़कर जाने वाले लोग अब भी उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लड़ाई जारी रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जिसके लिए वे संगठन में शामिल हुए थे। वे अब विश्व के विभिन्न देशों में फ़ैल जाएँगे और उनकी संख्या इतनी छोटी और पहचान इतनी अदृश्य होगी कि उनका पता लगा पाना विभिन्न अभिकरणों के लिए काफी कठिन काम होगा, और वे इस प्रकार की आतंकवादी घटनाएँ जारी रखेंगे। बोधि संसाधन पृष्ठ पर आपको अनेकों विस्तृत दस्तावेज (अंग्रेजी) इस विषय पर मिल जायेंगे।
मार्च २०१७ के प्रारम्भ में, समाचार आने लगे कि एक इस्लामिक राज्य का विडियो जिसमें चीनी वीघर (Uighur) लड़ाके दिख रहे हैं, उसमें चीन पर जिहादियों के हमलों की धमकी आई है, और ये तब जब चीनी साम्यवादी सरकार बड़ी सैनिक कार्यवाही से शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत की पृथकतावादी ताकतों को कुचलने की तैयारी में है। विडियो में "शैतानी चीनी साम्यवादी अविश्वासी लोगों" की बात की गयी है, और ये इस्लामिक राज्य की इराकी शाखा से आया है। "अल्लाह की मर्ज़ी से, उन आसुओं के बदले जो शोषित लोगों की आँखों से बहते हैं, हम तुम्हारा खून नदियों में बहाएंगे", वीघर भाषा में एक लड़ाका बोलते देखा गया।
आइएस अल-कायदा जैसा व्यक्तिवादी संगठन नहीं है अतः उसका वह हश्र नहीं होगा जैसा ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद अल-कायदा का हुआ। आइएस ने अपनी ताकत पाशविकता और विश्व के विभिन्न भागों से लोगों को, विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित करने की अपनी क्षमता के आधार पर बढाई। इसने अपनी वित्तीय ताकत प्रारंभ में सरकारी राजकोषों की लूट और बाद में समृद्ध तेल कुओं पर कब्ज़ा करके प्राप्त की। इस प्रकार से अर्जित की गई इस संपत्ति का उपयोग उसने अपने कार्यकर्ताओं को भारी वेतन और सुख-सुविधाएँ प्रदान करने के लिए किया ताकि वे संगठन में बने रहें। हालांकि सीरिया और इराक में भारी नुकसान के बाद संगठन अब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। जो लोग पूर्व में इसकी ओर आकर्षित हुए थे उनका अब संगठन से मोहभंग होता जा रहा है और वे वापस घर लौट रहे हैं। नए स्वयंसेवक भी अत्यंत कम संख्या में शामिल हो रहे हैं। आप अनेक चित्र व आंकड़े देख कर इस्लामिक राज्य का जन्म व वृद्धि, मध्य-पूर्व का नक्शा एवं विश्व आतंक सूचकांक २०१६ समझ सकते हैं हालांकि, संगठन को छोड़कर जाने वाले लोग अब भी उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लड़ाई जारी रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जिसके लिए वे संगठन में शामिल हुए थे। वे अब विश्व के विभिन्न देशों में फ़ैल जाएँगे और उनकी संख्या इतनी छोटी और पहचान इतनी अदृश्य होगी कि उनका पता लगा पाना विभिन्न अभिकरणों के लिए काफी कठिन काम होगा, और वे इस प्रकार की आतंकवादी घटनाएँ जारी रखेंगे। बोधि संसाधन पृष्ठ पर आपको अनेकों विस्तृत दस्तावेज (अंग्रेजी) इस विषय पर मिल जायेंगे।
मार्च २०१७ के प्रारम्भ में, समाचार आने लगे कि एक इस्लामिक राज्य का विडियो जिसमें चीनी वीघर (Uighur) लड़ाके दिख रहे हैं, उसमें चीन पर जिहादियों के हमलों की धमकी आई है, और ये तब जब चीनी साम्यवादी सरकार बड़ी सैनिक कार्यवाही से शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत की पृथकतावादी ताकतों को कुचलने की तैयारी में है। विडियो में "शैतानी चीनी साम्यवादी अविश्वासी लोगों" की बात की गयी है, और ये इस्लामिक राज्य की इराकी शाखा से आया है। "अल्लाह की मर्ज़ी से, उन आसुओं के बदले जो शोषित लोगों की आँखों से बहते हैं, हम तुम्हारा खून नदियों में बहाएंगे", वीघर भाषा में एक लड़ाका बोलते देखा गया।
Useful resources for you
[Newsletter ##newspaper-o##] [Bodhi Shiksha channel ##play-circle-o##] [FB ##facebook##] [हिंदी बोधि ##leaf##] [Sameeksha live ##graduation-cap##] [Shrutis ##fa-headphones##] [Quizzes ##question-circle##] [Bodhi Revision ##book##]
COMMENTS