Coming of Trump administration has US higher education institutions worried, due to immigration concerns.
American academic institutions facing the heat
Mr.Donald Trump’s victory as President and control of both Houses of US Parliament and possible control over judiciary also, has changed the whole US political social perspective. Trump’s victory, like Brexit victory for Britain, is the result of nativist reaction to globalization and changes brought about by the 21st century economy. Although there is lack of clarity on Trump’s education policies, his general orientation, that of blocking migrants, banning Muslims, doing away with trade agreements, and thereby creating an unwelcome situation in the US, are clear. This will have an adverse impact on US higher education and its global competitiveness. US universities have the required excellence to survive the instability in the short-run. However, the public universities would be the first to suffer, as they have been facing budget cuts for the past few decades. The Federal government plays no role in private universities though. Watch multiple video analysis on US and Trump here
Future prospects for scientific research look dim, as the pressure for promised tax cuts would be huge. Global hirings, contributing to US higher education excellence, would be adversely affected in the long-run. Trump is likely to roll back the regulations imposed by the Obama administration. This will provide a better environment for them. Trump’s anti-immigration and anti-Muslim stance will have a further negative impact on US higher education competitiveness. Likelihood of rising political activities and tension in campuses cannot be ruled out. All this is sure to have an adverse impact on global higher education. Key issues in higher education like public good, diversity and equality and globalization and freedom are bound to take a hit. Read our comprehensive Bodhi, alongwith a Video, on “Arrival of Donald Trump”, here!
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अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों की मुश्किलें
राष्ट्रपति के रूप में डॉनल्ड ट्रम्प की विजय और अमेरिकी संसद के दोनों सदनों पर उनके नियंत्रण, और न्यायपालिका पर भी उनके संभावित नियंत्रण ने अमेरिका के संपूर्ण राजनीतिक, सामाजिक परिदृश्य को परिवर्तित कर दिया है।
ब्रिटेन की ब्रेक्सिट में विजय के समान ही ट्रम्प की विजय वैश्वीकरण और 21 वीं सदी द्वारा लाए गए परिवर्तनों पर स्थानीयतावादी प्रतिक्रिया का परिणाम है।
हालांकि अभी शिक्षा के क्षेत्र में ट्रम्प की नीतियों पर स्पष्टता नहीं है, फिर भी प्रवासियों को प्रतिबंधित करने, मुस्लिमों को प्रतिबंधित करने व्यापार समझौतों को समाप्त करने और इस प्रकार अमेरिका में एक अवांछनीय स्थिति निर्माण करने के उनके सामान्य अभिविन्यास काफी स्पष्ट हैं।
इसका अमेरिका की उच्च शिक्षा और उसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों के पास इतनी उत्कृष्टता है कि वे अल्पकाल में इस अनिश्चितता का सामना कर पाएं।
हालांकि सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को सबसे पहले नुकसान होगा, क्योंकि वे पिछले कुछ दशकों से बजट कटौतियों का सामना करते चले आ रहे हैं। हालांकि संघीय सरकार की निजी विश्वविद्यालयों में कोई भूमिका नहीं होती। अमेरिका और ट्रम्प पर अनेक विडियो विश्लेषण देखें यहाँ
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भविष्य में संभावनाएं काफी कम प्रतीत होती हैं, क्योंकि उनपर नियोजित कर कटौतियों का भारी दबाव होगा। अमेरिकी उच्च शिक्षा में व्यापक योगदान देने वाली वैश्विक नियुक्तियां दीर्घकाल में प्रतिकूल प्रभावित होंगी। अनुमान है कि ट्रम्प ओबामा प्रशासन द्वारा लगाए गए विनियमों को वापस लेंगे। इसके कारण उन्हें बेहतर वातावरण प्राप्त होगा। ट्रम्प के प्रवासी-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी रुख का भी अमेरिकी उच्च शिक्षा की प्रतिस्पर्धात्मकता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिक गतिविधियों में वृद्धि से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इन सभी कारकों का वैश्विक उच्च शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। सार्वजनिक अच्छाई, विविधता और समानता और वैश्वीकरण और स्वतंत्रता जैसे उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे भी निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। डॉनल्ड ट्रम्प पर हमारी विस्तृत बोधि, और साथ ही विडियो, देखें और पढ़ें यहाँ
वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भविष्य में संभावनाएं काफी कम प्रतीत होती हैं, क्योंकि उनपर नियोजित कर कटौतियों का भारी दबाव होगा। अमेरिकी उच्च शिक्षा में व्यापक योगदान देने वाली वैश्विक नियुक्तियां दीर्घकाल में प्रतिकूल प्रभावित होंगी। अनुमान है कि ट्रम्प ओबामा प्रशासन द्वारा लगाए गए विनियमों को वापस लेंगे। इसके कारण उन्हें बेहतर वातावरण प्राप्त होगा। ट्रम्प के प्रवासी-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी रुख का भी अमेरिकी उच्च शिक्षा की प्रतिस्पर्धात्मकता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिक गतिविधियों में वृद्धि से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इन सभी कारकों का वैश्विक उच्च शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। सार्वजनिक अच्छाई, विविधता और समानता और वैश्वीकरण और स्वतंत्रता जैसे उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे भी निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। डॉनल्ड ट्रम्प पर हमारी विस्तृत बोधि, और साथ ही विडियो, देखें और पढ़ें यहाँ
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