The going hasn't been as smooth for Trump as many had expected. Establishment struck back!
Not a smooth road ahead for Trump
The smoke left from a key resignation in Trump’s cabinet can be traced to predict that the “disruptive Trump” has been disrupted by the machinations of an entrenched “Deep State” that will force him to be “normal”, and not “disruptive”. He has been labeled ‘a puppet of Putin’ and ‘a stooge of Kremlin’! The National Security Adviser (NSA) of the US President is a key official who shapes the foreign and security policies of the nation. Donald Trump appointed Michael Flynn to the position, who was abruptly forced to resign in less than a month!
In America, the military and intelligence communities have generally opposed Trump’s ascent, but Flynn was an exception, from the military, who endorsed him. Many allege that the US Deep State was responsible for this fall. No President has ever dared to take on this establishment. Only Trump has! The “Deep State” is usually quite visible in autocracies of the world, but not in a free nation like the USA. It is a term used for the system that wants the present state of affairs to continue (status quo) and is usually a combination of military, intelligence and bureaucracy. Watch many videos of news-analyses on “US and Trump”.
What sets Trump apart from every other President after 1950 is his non-hostile stand towards Russia (for many objectives including fighting the ISIS), which has been projected a traditional enemy of the US. Why? Many reasons! [Let us list five of them] Ever since Trump won the Presidency on 8 November 2016, leaks by intelligence agencies to media led to news that “Russia interfered in American elections” by “hacking Hillary Clinton’s email server (private one)” and “releasing them through WikiLeaks” to destroy Hillary’s chances. Obama (in his last weeks), on 29 December, put fresh sanctions on Russia, and expelled 35 diplomats from the US. Then in December 2016, another report with personal scandalous information came that Russia could blackmail Trump due to some ‘recorded’ activities in a Russian hotel. Finally, leaks from intelligence community (to the media) of tapped phone calls of the to-be-NSA when he spoke with Russian ambassador on 29 December (the day Obama applied sanctions), allegedly promising ‘everything will be fine soon’, led to the resignation. Download a document from Bodhi Resources on Trump & Russia Trump can now fight back, or compromise. He has already attacked many media houses as being “fake news” and “enemy of the American people”. He has a lot of sympathy from the masses as well who distrust mainstream media. Watch a full video on “The arrival of Donald Trump”, here!
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ट्रम्प की चुनौतियां
ट्रम्प मंत्रिमंडल में हुए अत्यंत महत्वपूर्ण त्यागपत्र से उठे धुंए का विश्लेषण करें तो पाते हैं कि परिवर्तनकारी ट्रम्प का एक लंबे समय से स्थापित "गहरे राज्य" के तंत्र ने विध्वंस कर दिया है जो उन्हें “सामान्य” ना कि “परिवर्तनकारी” होने के लिए मजबूर करेगा। उन्हें “पुतिन के हाथ की कठपुतली” और “क्रेमलिन के इशारों पर नाचने वाला" कहा गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक महत्वपूर्ण अधिकारी होता है जो देश की विदेश और सुरक्षा नीतियों को आकार और दिशा प्रदान करता है। डॉनल्ड ट्रम्प ने इस पद पर माइकल फ्लिन की नियुक्ति की थी जिन्हें एक महीने के अंदर अचानक ही त्यागपत्र देने को मजबूर होना पड़ा!
अमेरिका में सेना और खुफिया समुदाय ने आमतौर पर ट्रम्प के आरोहण का विरोध किया है। इनमें फ्लिन सेना में एकमात्र अपवाद थे जिन्होंने उनका समर्थन किया। अनेक लोग आरोप लगते हैं कि अमेरिका का गहरा राज्य इस पतन के लिए जिम्मेदार है। अभी तक किसी भी राष्ट्रपति ने इस प्रतिष्ठान का विरोध करने की जुर्रत नहीं की है। केवल ट्रम्प ने यह साहस किया! गहरा राज्य आमतौर पर विश्व के एकतंत्रीय शासनों में काफी दृश्य रहा है परंतु अमेरिका जैसे मुक्त राजों में यह दृश्य नहीं है। यह उस व्यवस्था के लिए उपयोग किया जाने वाला शब्द है जो चाहती है कि विद्यमान व्यवस्था को ही जारी रखा जाए (यथास्थिति), और आमतौर पर यह सेना, खुफिया तंत्र और नौकरशाही का संयोजन होता है। “अमेरिका और ट्रम्प” पर अनेक समाचार विश्लेषणों के विडियो देखें, यहां।
वह बात जो 1950 के बाद के किसी भी राष्ट्रपति से ट्रम्प को अलग करती है वह है उनका रूस के प्रति गैर-शत्रुतापूर्ण रुख (अनेक उद्देश्यों के लिए जिनमें आइएसआइएस से मुकाबला भी शामिल है), जिसे अमेरिका के पारंपरिक शत्रु के रूप में चित्रित किया गया है। क्यों? इसके अनेक कारण हैं! हम इनमें से पांच को सूचीबद्ध करते हैं , 8 नवंबर 2016 को ट्रम्प की राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजय के बाद से ही खुफिया तंत्र द्वारा मीडिया को प्रकट की गई जानकारी का परिणाम इस समाचार के आने में हुआ कि हिलेरी क्लिंटन के ई-मेल सर्वर (निजी) को हैक करके और हिलेरी के चुने जाने के अवसर को समाप्त करने के लिए विकिलीक्स के माध्यम से उन्हें उजागर करके “रूस ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप किया”। ओबामा ने (अपने अंतिम सप्ताहों में) 29 दिसंबर को रूस के विरुद्ध नए प्रतिबंध अधिरोपित किये और उसके 35 राजनयिकों को अमेरिका से निष्काषित कर दिया। इसके बाद दिसंबर 2016 में निजी अपमानजनक जानकारी के साथ एक और रिपोर्ट प्रकाशित हुई कि एक रुसी होटल में रिकॉर्ड की गई गतिविधियों के कारण रूस ट्रम्प का भयादोहन (ब्लैकमेल) कर सकता है। अंत में खुफिया समुदाय द्वारा (मीडिया को) होने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के टेप किये गए फोन के किये गए प्रकटन, जिनके अनुसार उन्होंने जब 29 दिसंबर को (उसी दिन जब ओबामा ने प्रतिबंध अधिरोपित किये थे) रुसी राजदूत से बात करते समय कथित रूप से आश्वासन दिया था कि ‘शीघ्र ही सब कुछ ठीक हो जाएगा’, ही उनके त्यागपत्र का कारण बने। ट्रम्प और रूस पर एक दस्तावेज बोधि संसाधन से डाउनलोड करें, यहां। ट्रम्प अब या तो इसपर पलटवार कर सकते हैं या समझौता कर सकते हैं। वे पहले ही अनेक मीडिया घरानों पर “जाली समाचार” और “अमेरिकी लोगों के दुश्मन” कहकर हमला कर चुके हैं। जनता और उन लोगों से जो मुख्यधारा की मीडिया पर विश्वास नहीं करते, की ओर से उनके प्रति काफी सहानुभूति है। डॉनल्ड ट्रम्प का आगमन’ पर संपूर्ण विडियो देखें, यहां।
अमेरिका में सेना और खुफिया समुदाय ने आमतौर पर ट्रम्प के आरोहण का विरोध किया है। इनमें फ्लिन सेना में एकमात्र अपवाद थे जिन्होंने उनका समर्थन किया। अनेक लोग आरोप लगते हैं कि अमेरिका का गहरा राज्य इस पतन के लिए जिम्मेदार है। अभी तक किसी भी राष्ट्रपति ने इस प्रतिष्ठान का विरोध करने की जुर्रत नहीं की है। केवल ट्रम्प ने यह साहस किया! गहरा राज्य आमतौर पर विश्व के एकतंत्रीय शासनों में काफी दृश्य रहा है परंतु अमेरिका जैसे मुक्त राजों में यह दृश्य नहीं है। यह उस व्यवस्था के लिए उपयोग किया जाने वाला शब्द है जो चाहती है कि विद्यमान व्यवस्था को ही जारी रखा जाए (यथास्थिति), और आमतौर पर यह सेना, खुफिया तंत्र और नौकरशाही का संयोजन होता है। “अमेरिका और ट्रम्प” पर अनेक समाचार विश्लेषणों के विडियो देखें, यहां।
वह बात जो 1950 के बाद के किसी भी राष्ट्रपति से ट्रम्प को अलग करती है वह है उनका रूस के प्रति गैर-शत्रुतापूर्ण रुख (अनेक उद्देश्यों के लिए जिनमें आइएसआइएस से मुकाबला भी शामिल है), जिसे अमेरिका के पारंपरिक शत्रु के रूप में चित्रित किया गया है। क्यों? इसके अनेक कारण हैं! हम इनमें से पांच को सूचीबद्ध करते हैं , 8 नवंबर 2016 को ट्रम्प की राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजय के बाद से ही खुफिया तंत्र द्वारा मीडिया को प्रकट की गई जानकारी का परिणाम इस समाचार के आने में हुआ कि हिलेरी क्लिंटन के ई-मेल सर्वर (निजी) को हैक करके और हिलेरी के चुने जाने के अवसर को समाप्त करने के लिए विकिलीक्स के माध्यम से उन्हें उजागर करके “रूस ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप किया”। ओबामा ने (अपने अंतिम सप्ताहों में) 29 दिसंबर को रूस के विरुद्ध नए प्रतिबंध अधिरोपित किये और उसके 35 राजनयिकों को अमेरिका से निष्काषित कर दिया। इसके बाद दिसंबर 2016 में निजी अपमानजनक जानकारी के साथ एक और रिपोर्ट प्रकाशित हुई कि एक रुसी होटल में रिकॉर्ड की गई गतिविधियों के कारण रूस ट्रम्प का भयादोहन (ब्लैकमेल) कर सकता है। अंत में खुफिया समुदाय द्वारा (मीडिया को) होने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के टेप किये गए फोन के किये गए प्रकटन, जिनके अनुसार उन्होंने जब 29 दिसंबर को (उसी दिन जब ओबामा ने प्रतिबंध अधिरोपित किये थे) रुसी राजदूत से बात करते समय कथित रूप से आश्वासन दिया था कि ‘शीघ्र ही सब कुछ ठीक हो जाएगा’, ही उनके त्यागपत्र का कारण बने। ट्रम्प और रूस पर एक दस्तावेज बोधि संसाधन से डाउनलोड करें, यहां। ट्रम्प अब या तो इसपर पलटवार कर सकते हैं या समझौता कर सकते हैं। वे पहले ही अनेक मीडिया घरानों पर “जाली समाचार” और “अमेरिकी लोगों के दुश्मन” कहकर हमला कर चुके हैं। जनता और उन लोगों से जो मुख्यधारा की मीडिया पर विश्वास नहीं करते, की ओर से उनके प्रति काफी सहानुभूति है। डॉनल्ड ट्रम्प का आगमन’ पर संपूर्ण विडियो देखें, यहां।
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