Time and tide wait for none. Bannon and Trump also seem to follow this rule.
Disruptive politician inside establishment
The arrival of Trump is reconfiguring world political dynamics. While the public at large knows only about Mr.Trump, there are other interesting personalities too. An example : Mr. Stephen K. Bannon has risen from being the executive chairman of a largely unknown conservative website, to become the second most powerful person in the world after the US President. Read all about it in our Bodhi on “Arrival of Donald Trump” here.
Bannon is the Chief Strategist of the US President who managed Trump’s entire election campaign, attends the National Security Council meetings and is in a position to influence critical policy decisions. It was because of his strategies that Trump, who was written off as a loud-mouthed businessman and a person with no political experience, evolved as a Conservative insurgent with ethno-nationalist ideals and contempt for globalization.Bannon’s website Breitbart, turned into a platform for Alt-Right (Alternative Right) movement. Known for his exclusivist attitude towards other races, misogyny, political incorrectness and protectionist economic philosophy, critics allege Bannon has influenced Trump’s recent actions as President. We have offered many video analyses of such trends here.
It seems he is on his way to “deconstruct” the American state! America of his imagination is a cultural nationalist entity with closed borders and protectionist policies that is involved in a clash of civilizations with Islam.According to him, globalization is threatening America’s traditional values and doing economic injustice to its workers. The anti-globalisation tirade has found its voice across the world, including in Europe.There are several parties in the West, like UKIP in Britain, AfD in Germany (Alternative for Germany) and Freedom Party in the Netherlands that share the same world view.Liberals worldwide, and in India, are alarmed at the pushback by the Conservative camps. Globalisation itself seems in peril, at least in the short run. What better example of it that the urgent push by President Xi Jinping of China at the WEF, Davos where he praised “free trade” and “globalization”! Read about “Tectonic shifts in world politics” here
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व्यवस्था के अंदर विध्वंसक राजनीतिज्ञ
ट्रम्प का आगमन विश्व राजनीतिक गतिकी का पुनर्विन्यास कर रहा है। जबकि अधिकांश जनता को केवल श्री ट्रम्प के बारे में जानकारी है, वहीँ उनके साथ कुछ अन्य दिलचस्प व्यक्तित्व भी हैं। इसका एक उदाहरण है: श्री स्टीफेन के. बेनोन, जो एक लगभग अज्ञात वेबसाइट के कार्यकारी अध्यक्ष से बढ़कर अमेरिकी राष्ट्रपति के बाद विश्व के दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन गए हैं। “डॉनल्ड ट्रम्प का आगमन” पर हमारी बोधि में इसके बारे में अधिक पढ़ें यहां।
बेनोन अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य रणनीतिकार हैं, जिन्होंने ट्रम्प के संपूर्ण चुनाव अधियाँ का प्रबंधन किया था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों में शामिल होते हैं और वे महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। यह उनकी रणनीतियों का ही परिणाम था कि ट्रम्प, जिन्हें प्रारंभ में एक बड़े बोल बोलने वाले व्यवसायी और बिना राजनीतिक अनुभव वाले व्यक्ति के रूप में खारिज कर दिया गया था, एक रूढ़िवादी विद्रोही के रूप में विकसित हुए, जिनके जातीय-राष्ट्रवादी आदर्श हैं और जिन्हें वैश्वीकरण के प्रति तिरस्कार है। बेनोन की वेबसाइट ब्रिटबार्ट वैकल्पिक दक्षिणपंथी आंदोलन के लिए एक मंच के रूप में परिवर्तित हुई। अन्य जातियों के प्रति अलगाववादी दृष्टिकोण, स्त्री-जाति से द्वेष, राजनीतिक त्रुटिपूर्णताऔर संरक्षणवादी आर्थिक दर्शन के लिए पहचाने जाने वाले बेनोन पर आलोचक आरोप लगाते हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प की हाल की कार्यवाहियों को प्रभावित किया है। इस प्रकार की प्रवृत्तियों पर हमनें यहाँ अनेक विडियो विश्लेषण प्रस्तुत किये हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि वे अमेरिकी राज्य को “विसर्जित” करने की राह पर हैं! उनकी कल्पना का अमेरिका एक सांस्कृतिक राष्ट्रवादी संस्था है जिसकी सीमाएं बंद हैं और जिसकी नीतियां संरक्षणवादी हैं, और जो इस्लाम के साथ सभ्यता के टकराव में संलग्न है। उनके अनुसार, वैश्वीकरण अमेरिका के पारंपरिक मूल्यों के लिए खतरा बनता जा रहा है और वह इसके मजदूरों पर आर्थिक अन्याय कर रहा है। वैश्वीकरण-विरोधी मुहीम को विश्व स्तर पर आवाज प्राप्त हुई है, जिसमें यूरोप भी शामिल है। पश्चिमी देशों में ऐसे अनेक दल हैं, जैसे ब्रिटेन में यूकेआईपी, जर्मनी में एएफडी (जर्मनी के लिए विकल्प), और नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी, जो इसी वैश्विक विचारधारा को साझा करते हैं। विश्व भर के और भारत के भी उदारवादी रूढ़िवादी गुट के उत्थान से चिंतित हैं। स्वयं वैश्वीकरण भी, कम से कम अल्पकाल में तो संकटग्रस्त स्थिति में है। इसका इससे अधिक बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा दावोस के विश्व आर्थिक मंच के अधिवेशन में इसे त्वरित बढ़ावा दिया गया, हजन उन्होंने “मुक्त व्यापार” और “वैश्वीकरण” की मुक्त-कंठ से प्रशंसा की। “विश्व राजनीति में विवर्तनिक परिवर्तन” के बारे में हमारी बोधि में पढ़ें यहां।
Useful resources for youबेनोन अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य रणनीतिकार हैं, जिन्होंने ट्रम्प के संपूर्ण चुनाव अधियाँ का प्रबंधन किया था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों में शामिल होते हैं और वे महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। यह उनकी रणनीतियों का ही परिणाम था कि ट्रम्प, जिन्हें प्रारंभ में एक बड़े बोल बोलने वाले व्यवसायी और बिना राजनीतिक अनुभव वाले व्यक्ति के रूप में खारिज कर दिया गया था, एक रूढ़िवादी विद्रोही के रूप में विकसित हुए, जिनके जातीय-राष्ट्रवादी आदर्श हैं और जिन्हें वैश्वीकरण के प्रति तिरस्कार है। बेनोन की वेबसाइट ब्रिटबार्ट वैकल्पिक दक्षिणपंथी आंदोलन के लिए एक मंच के रूप में परिवर्तित हुई। अन्य जातियों के प्रति अलगाववादी दृष्टिकोण, स्त्री-जाति से द्वेष, राजनीतिक त्रुटिपूर्णताऔर संरक्षणवादी आर्थिक दर्शन के लिए पहचाने जाने वाले बेनोन पर आलोचक आरोप लगाते हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प की हाल की कार्यवाहियों को प्रभावित किया है। इस प्रकार की प्रवृत्तियों पर हमनें यहाँ अनेक विडियो विश्लेषण प्रस्तुत किये हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि वे अमेरिकी राज्य को “विसर्जित” करने की राह पर हैं! उनकी कल्पना का अमेरिका एक सांस्कृतिक राष्ट्रवादी संस्था है जिसकी सीमाएं बंद हैं और जिसकी नीतियां संरक्षणवादी हैं, और जो इस्लाम के साथ सभ्यता के टकराव में संलग्न है। उनके अनुसार, वैश्वीकरण अमेरिका के पारंपरिक मूल्यों के लिए खतरा बनता जा रहा है और वह इसके मजदूरों पर आर्थिक अन्याय कर रहा है। वैश्वीकरण-विरोधी मुहीम को विश्व स्तर पर आवाज प्राप्त हुई है, जिसमें यूरोप भी शामिल है। पश्चिमी देशों में ऐसे अनेक दल हैं, जैसे ब्रिटेन में यूकेआईपी, जर्मनी में एएफडी (जर्मनी के लिए विकल्प), और नीदरलैंड में फ्रीडम पार्टी, जो इसी वैश्विक विचारधारा को साझा करते हैं। विश्व भर के और भारत के भी उदारवादी रूढ़िवादी गुट के उत्थान से चिंतित हैं। स्वयं वैश्वीकरण भी, कम से कम अल्पकाल में तो संकटग्रस्त स्थिति में है। इसका इससे अधिक बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा दावोस के विश्व आर्थिक मंच के अधिवेशन में इसे त्वरित बढ़ावा दिया गया, हजन उन्होंने “मुक्त व्यापार” और “वैश्वीकरण” की मुक्त-कंठ से प्रशंसा की। “विश्व राजनीति में विवर्तनिक परिवर्तन” के बारे में हमारी बोधि में पढ़ें यहां।
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