India and UAE have converging interests, and the two are coming closer.
India and the UAE – Historical relations, Modern bonding
The Father of the Nation of UAE – HH Sheikh Zayed bin Nahyan – said in 1970 : “India and UAE’s relations go back some four millennia, and there are boundless possibilities going forward”. He was referring to trade with the Indus Valley civilization. PM Modi and Crown Prince of Abu Dhabi Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan have drafted the Comprehensive Strategic Partnership and committed both nations to it. What are the shared values? (a) Religious tolerance, (b) Building multicultural societies, (c) Rejection of religious extremism and terror, (d) Rejection of terror in all forms. Terror attacks in Kabul and Kandahar in January 2017 killed some UAE and Afghan nationals. Strongly condemned by the leaders. Defence relationships to be strengthened – including training, joint exercises, co-production of materials India is UAE’s biggest trade partner. UAE ranks third for India, after US and China. Indian entrepreneurs are present in a big scale in the UAE. Around 27% of UAE’s population of 90 lac (approx) is Indian! Rapid infrastructural development is the key to India’s progress, and some of UAE’s largest companies will be roped in to build highways, airports, logistics hubs and ports in India.
Abu Dhabi’s planned city – Masdar – relies on solar energy and other renewable energy sources. Masdar is being constructed 17 km east-south-east of the city of Abu Dhabi. Masdar City hosts the HQ of International Renewable Energy Agency (IRENA). The UAE is made up of seven emirates – Abu Dhabi, Umm al-Quwain, Ajman, Dubai, Sharjah, Ras al-Khaimah and Fujairah. The UAE has no political parties, is an Islamic absolute monarchy, and the Abu Dhabi Investment Authority is estimated to be managing USD 800 billion in assets! India hopes to have investments in multiple fields in the future.
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भारत और यूएई - ऐतिहासिक संबंध, आधुनिक घनिष्ठता
यूएई के राष्ट्रपिता - महामहिम शेख जायेद बिन नाह्यान - ने वर्ष 1970 में कहा था : “भारत और यूएई के संबंध लगभग चार शताब्दी पुराने हैं, और इनमें आगे बढ़ने की असीमित संभावनाएं हैं”। उस समय वे सिंधु घाटी की सभ्यता के साथ व्यापार संबंधों का हवाला दे रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी और अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान ने व्यापक सामरिक भागीदारी का मसौदा तैयार किया है और दोनों देशों की इसके प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। हमारे साझा मूल्य क्या हैं? (ए) धार्मिक सहिष्णुता, (बी) पारस्परिक समाजों का निर्माण, (सी) धार्मिक चरमवाद और आतंकवाद की अस्वीकृति, (डी) सभी रूपों में आतंकवाद की अस्वीकृति। जनवरी 2017 में काबुल और कंधार में हुए आतंकी हमलों में कुछ यूएई और अफगान नागरिक मारे गए थे। जिसकी विभिन्न नेताओं द्वारा कड़ी निंदा की गई थी। रक्षा संबंध मजबूत किये जाएँगे - जिसमें प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, सामग्रियों का संयुक्त रूप से निर्माण शामिल है। भारत यूएई का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। भारत की दृष्टि से यूएई का क्रमांक अमेरिका और चीन के बाद तीसरा है। यूएई में भारतीय उद्यमी बड़े पैमाने पर विद्यमान हैं। यूएई की 90 लाख (लगभग) जनसंख्या में से लगभग 27 प्रतिशत भारतीय है ! तीव्र गति से अधोसंरचनात्मक विकास भारत की प्रगति की कुंजी है, और भारत में महामार्गों, हवाई अड्डों, रसद केन्द्रों और बंदरगाहों के निर्माण के लिए यूएई की कुछ बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाएगा।
अबू धाबी का नियोजित शहर - मसदर - सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरनणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर है। मसदर का निर्माण अबू धाबी शहर से 17 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में किया जा रहा है। मसदर शहर में अंतर्राष्ट्रीय नवीकरनणीय ऊर्जा अभिकरण (आईआरईएनए) का मुख्यालय स्थित है। यूएई का गठन सात अमीरातों - अबू धाबी, उम्म अल-कुवैन, अजमान, दुबई, शारजाह, रस अल-खैमाह और फुजैरह से मिलकर हुआ है। यूएई में कोई राजनीतिक दल नहीं हैं और यह एक पूर्ण इस्लामिक राज-तंत्र है, और अनुमान है कि अबू धाबी निवेश प्राधिकरण लगभग 800 अरब डॉलर मूल्य की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है! भारत को आशा है कि भविष्य में वह यहाँ बहुविध क्षेत्रों में निवेश कर पाएगा।
अबू धाबी का नियोजित शहर - मसदर - सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरनणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर है। मसदर का निर्माण अबू धाबी शहर से 17 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में किया जा रहा है। मसदर शहर में अंतर्राष्ट्रीय नवीकरनणीय ऊर्जा अभिकरण (आईआरईएनए) का मुख्यालय स्थित है। यूएई का गठन सात अमीरातों - अबू धाबी, उम्म अल-कुवैन, अजमान, दुबई, शारजाह, रस अल-खैमाह और फुजैरह से मिलकर हुआ है। यूएई में कोई राजनीतिक दल नहीं हैं और यह एक पूर्ण इस्लामिक राज-तंत्र है, और अनुमान है कि अबू धाबी निवेश प्राधिकरण लगभग 800 अरब डॉलर मूल्य की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है! भारत को आशा है कि भविष्य में वह यहाँ बहुविध क्षेत्रों में निवेश कर पाएगा।
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