There are interesting proposals to create an oil giant from India. An analysis.
Union Budget 2017-18 : Industrial Sector Perspective
The budget proposes to merge all the state-owned oil companies to create a giant oil company. This would help expand our presence in the global market, and also to meet the increasing domestic oil demand. The Foreign Investment Promotion Board (FIPB) will be abolished. The govt. feels that the Board has already lived out its life, and is no longer required as most approvals are through automatic root. This will also help speeding up the processes. It is proposed to set up a strategic policy for crude reserves. Trade infra exports scheme would be launched during 2017-18. The budget proposes to form a Computer emergency response team for the financial sector. A revised mechanism for ensuring time-bound listing of CPSEs would be formed.
The Pradhan Mantri Mudra Yojana lending target for 2017-18 has been fixed at Rs. 2.44 lakh crore. To boost growth and job creation in the labour-intensive leather industry, a scheme similar to the one provided for the textile sector has been announced in the budget. Experts say that the leather industry has the potential of providing 250 jobs with an investment of every Rs. 1 crore. This will help the leather and footwear industry as well as create more job opportunities. An important feature of the budget is that though there may not be many direct benefit announcements for the manufacturing sector, the thrust on infrastructure development of roads and railways would benefit the manufacturing sector. The total allocation for infra sector is Rs. 3.96 trillion. (1 trillion = 1 lac crore). The allocation for the Bharat Net programme has been kept at Rs.10,000 crore. You can refer to Bodhi resources page for downloading the PDF’s of Economic Survey and Union Budget.
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बजट 2017-18 : औद्योगिक क्षेत्र परिप्रेक्ष्य
बजट में सरकारी स्वामित्व वाली सभी तेल कंपनियों का विलय करके एक विशाल तेल कंपनी बनाने का प्रस्ताव है। इस कदम से वैश्विक बाजार में हमारा प्रतिनिधित्व विस्तारित होगा, साथ ही तेल की बढती घरेलू मांग की पूर्ति करने में भी सहायक होगा।
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) को समाप्त करने का प्रस्ताव है। सरकार को लगता है कि इसका औचित्य अब समाप्त हो गया है और इसे जारी रखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अधिकतर अनुमतियां स्वचलित मार्ग से ही मिल जाती हैं। इससे प्रक्रिया में तेजी लाने में भी सहायता मिलेगी।
बजट में कच्चे तेल के भंडार के लिए एक सामरिक नीति निर्माण का प्रस्ताव भी किया गया है। व्यापार अधोसंरचना निर्यात योजना की शुरुआत वर्ष 2017-18 के दौरान की जाने का प्रस्ताव है।
बजट में वित्तीय क्षेत्र के लिए एक कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के गठन का भी प्रस्ताव है। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की समयबद्ध लिस्टिंग के लिए एक संशोधित तंत्र विकसित करने का ब्रस्तव भी बजट में किया गया है।
वर्ष 2017-18 के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण का लक्ष्य 2.44 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। श्रम सघन चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने और इसमें रोजगार निर्माण के अवसर पैदा करने के लिए उसी प्रकार की योजना लाने का प्रस्ताव है जैसी कुछ समय पूर्व वस्त्रोद्योग क्षेत्र के लिए शुरू की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि चमड़ा उद्योग में 1 करोड़ रुपये के निवेश से 250 लोगोनो के लिए रोजगार निर्माण करने की क्षमता है। इससे चमड़ा और जूता क्षेत्र को सहायता मिलेगी, साथ ही रोजगार निर्माण भी होगा। बजट की एक विशेषता यह है, कि हालांकि इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष रूप से अधिक घोषणाएँ नहीं की गई हैं परंतु रेल और सड़क क्षेत्र के अधोसंरचना विकास पर अधिक बल दिया गया है जिससे विनिर्माण क्षेत्र को काफी लाभ होगा। अशोसंराचना क्षेत्र के लिए किया गया कुल आवंटन 3.96 अरब रुपये है। (एक खरब त्र 1 ट्रिलियन त्र 1 लाख करोड़) भारत नेट कार्यक्रम के लिए निर्धारित आवंटन 10,000 करोड़ रुपये है। कृपया आर्थिक समीक्षा एवं केंद्रीय बजट के पीडीएफ दस्तावेज हेतु बोधि संसाधन पृष्ठ पर जायें।
Useful resources for youवर्ष 2017-18 के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण का लक्ष्य 2.44 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। श्रम सघन चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने और इसमें रोजगार निर्माण के अवसर पैदा करने के लिए उसी प्रकार की योजना लाने का प्रस्ताव है जैसी कुछ समय पूर्व वस्त्रोद्योग क्षेत्र के लिए शुरू की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि चमड़ा उद्योग में 1 करोड़ रुपये के निवेश से 250 लोगोनो के लिए रोजगार निर्माण करने की क्षमता है। इससे चमड़ा और जूता क्षेत्र को सहायता मिलेगी, साथ ही रोजगार निर्माण भी होगा। बजट की एक विशेषता यह है, कि हालांकि इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष रूप से अधिक घोषणाएँ नहीं की गई हैं परंतु रेल और सड़क क्षेत्र के अधोसंरचना विकास पर अधिक बल दिया गया है जिससे विनिर्माण क्षेत्र को काफी लाभ होगा। अशोसंराचना क्षेत्र के लिए किया गया कुल आवंटन 3.96 अरब रुपये है। (एक खरब त्र 1 ट्रिलियन त्र 1 लाख करोड़) भारत नेट कार्यक्रम के लिए निर्धारित आवंटन 10,000 करोड़ रुपये है। कृपया आर्थिक समीक्षा एवं केंद्रीय बजट के पीडीएफ दस्तावेज हेतु बोधि संसाधन पृष्ठ पर जायें।
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